13 August, 2011

दिल लगता है अजनबी


कभी  कभी  यूं  ही  दिल 
लगता  है  अजनबी 
यूं  तो  है  मेरा  हमजोली 
कभी  हंसी  कभी  ठिठोली 
पर  जबसे  आया  है  तुझ पे 
दिल  लगता  है  अजनबी 
अभी  अभी  तो  कहा  था  तुझसे  
कल  का  सपना 
कोई  अपना 
अभी  अभी  पर  खो  गया  दिल 
लगता  है  अजनबी 
उन्मुक्त  गगन  मैं  उड़ता  था 
पंछी  सा  मचलता  था 
आज  क्यूँ  बंधा  जुल्फों  मैं  दिल 
लगता  है  अजनबी 
था  मेरा  दिल  आवारा 
फिरता  था  यूँ  बंजारा 
जबसे  डूबा  आँखों  मैं  तेरी दिल 
लगता  है  अजनबी 
अब  जब  खो  चुका  हूँ  तुझमे 
दाँव  लगा  बैठा  हूँ  तुझपे 
तोड़  न  देना  मेरा  जो  दिल 
लगता  है  अजनबी... 

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