20 July, 2011

यूँ रहो ना बने बेगाने तुम


आके बैठो मेरे  सिरहाने  तुम 
और  सोचो  ना   कुछ  बहाने  तुम 

छू  के  देखूं  तो  मानू मैं ,
सच  हो  या  ख्वाब  हो  ना  जाने  तुम .

आज  भी  मैं  तो  हूँ  फ़िदा  तुम  पर ,
हो  मेरे  अब  भी  क्या  दीवाने  तुम .

मेरी  नज़रों  मैं  डाल  कर  नज़रें ,
खुद  ही  पढ़लो ना  सब  फ़साने  तुम .

कोई  तक़रार  अब  नई  सोचो ,
फिर  ना  शिकवे  करो  पुराने  तुम .

जी  मैं  आता  है  रूठ  जाऊं  मैं ,
हंस  के  मुझको  लगो  मनाने  तुम .

मेरे  सीने  पे  सर  रखो  अपना ,
यूँ  रहो  ना  बने  बेगाने  तुम .

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