06 July, 2011

यह रात जब भी आती है …

अंधेरे की चादर लिये 
यह रात जब भी आती है …
क्यूं लाख जुदा करने पर भी

 मुझको याद तुम्हारी आती है …?
सच है, 

किसी को चाहने मे ईक दिन भी नहीं लगता …
पर भुलाने में सारी जिन्दगी गुजर जाती हैं …
अछ्छा लगता है 

तुम्हें याद करना भी …
कभी लबों पर हंसी 

तो कभी आँखों में अश्क ले आती है …|

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