यह रात जब भी आती है …
अंधेरे की चादर लिये
यह रात जब भी आती है …
क्यूं लाख जुदा करने पर भी
मुझको याद तुम्हारी आती है …?
सच है,
किसी को चाहने मे ईक दिन भी नहीं लगता …
पर भुलाने में सारी जिन्दगी गुजर जाती हैं …
अछ्छा लगता है
तुम्हें याद करना भी …
कभी लबों पर हंसी
तो कभी आँखों में अश्क ले आती है …|
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