11 July, 2011

चैन की नींद सुला दे कोई

ऐसा भी हो कभी उससे मिला दे कोई 
कैसा है वो इतना तो बता दे कोई 
वो तो खोया है अपनी रंगों की दुनिया में 
मेरे दिल का हाल उसे बता दे कोई 
उसका मासुमियत भरा चेहरा निहारू जी भर के 
सोयी हुई प्यास फिर से जगा दे कोई 
खुशबू की तरह अक्स महसूस होता है उसका हर पल 
अब उससे रूबरू मिला दे कोई 
सूखी है मेरी पलकों की जमीं
बस आज तो जी भर के रुला दे कोई 
ना जाने कितनी रातें गुजर गयी राह ताकते-ताकते 
अब जो वो ना मिले तो...
चैन की नींद सुला दे कोई!

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