22 April, 2011

तुम ऐसे मुझे देखा ना करो


मुझको  जब  ऐसे देखती  हो  तुम 
रंग  भर  जाते  हैं  फिजाओं  में 
कसमसाती  है  आरजू  दिल  में 
गीत  घुल  जाते  हैं  हवाओं  में  |

जादू  भरी आँखों  वाली  सुनो 
तुम  ऐसे  मुझे  देखा  ना  करो 

फिर  में  कोई  उम्मीद  करू 
फिर  मुझे  कोई  अरमान  हो 
तुम  शायद  मेरी  बन  जाओ 
फिर  दिल  को  ऐसा गुमान  हो  |

पर ऐसा ना  हो तो  अच्छा  है  
इन  बातों  में  क्या  रक्खा  है  
मुझको  ऐसी  उम्मीद  ना  दो |

फिर  धड़कन  में  तुम  बस  जाओ 
फिर  कोई  ग़ज़ल  में  गाऊ
फिर  चाँद  में  तुमको  देखू 
फूलों  में  तुमको  पाऊ |

पर  ऐसा ना  हो  तो  अच्छा  है  
इसका  अंजाम  जो  होता है 
वो  दर्द  ही  देता  है  दिल  को |

जादू  भरी आँखों  वाली  सुनो 
तुम  ऐसे  मुझे  देखा  ना  करो...

No comments:

Post a Comment