हज़ारों दिक्कतें हैं, चलो पहली बताता हूँ
दिल हल्का करने को मैं शायरी सुनाता हूँ
ये शायरी नहीं है,और ना हुनर है मेरा
ये दर्द है, जिसे मुस्कुराहटों से छुपाता हूँ
हज़ारों दिक्कतें हैं, चलो पहली बताता हूँ....
मुझे जैसे लोग अक्सर यूँ ही भुला दिए जाते हैं
मैं बात सबको याद दिलाना चाहता हूं
हज़ारों दिक्कतें हैं, चलो पहली बताता हूँ....
अंधे निकालते हैं कमिया मेरे क़िरदार में और...
बहरों को ये शिकायत है कि गलत बताता हूं ...!!!
हज़ारों दिक्कतें हैं, चलो पहली बताता हूँ....
हर किसी ने जिंदगी भर नकारा समझा मुझको
जिंदगी तू वो किताब तो नहीं जिसे मैं पढ़ना चाहता हूं
हज़ारों दिक्कतें हैं, चलो पहली बताता हूँ....
जब बेवफाई की बात आई, अव्वल हम ही निकले....!!
गवाही आईने में क्या दी जानना चाहता हूं
हज़ारों दिक्कतें हैं, चलो पहली बताता हूँ....
महफिल थी दुआओं की,तो मैंने भी एक दुआ मांग ली !!"
मैं तो बस सबको खुश देखना चाहता हूँ
हज़ारों दिक्कतें हैं, चलो पहली बताता हूँ....
अब तो खुशी दे कर देख ले ए खुदा
मैं इन दुखों से नहीं मरना चाहता हूं
हज़ारों दिक्कतें हैं, चलो पहली बताता हूँ....
वो "मैं "जो मुझमें जिंदा था, मार दिया मैंने !!
मैं अपने ख़ुदा से मिलना चाहता हूँ
हज़ारों दिक्कतें हैं, यह पहली बताई थी...
दिल हल्का करने को मैंने शायरी सुनाई थी..