04 April, 2012

कोई दिल से कह दो

कोई दिल से कह दो, कि उम्मीद का ये बहाना छोड़े...
और भी गम है ज़माने में, ये गम पुराना छोड़े...

मैं खुश था बहुत इश्क के बगैर भी, तनहा...
उसकी यादों से कह दो, मेरे दिल में यूँ आना छोड़े...

वो राग जो बस गया है, होंठों पे गीत बनके मेरे...
उस राग से कहदो, मेरे होंठों पे गुनगुनाना छोड़े...

वो सनम, बेरहम है, जो दिल में बस गया है मेरे...
उस हमदम से कह दो, के मेरे दिल का ठिकाना छोड़े...

जो आँसु बनके बहता है मेरे इन निगाहों से भी...
उन  आँसुओं से कहदो के, मेरे आँखों में आना छोड़े...

वो ना आयेंगे कभी....
कोई दिल से कह दो, कि उम्मीद का ये बहाना छोड़े...
कोई दिल से कह दो, कि उम्मीद का ये बहाना छोड़े...

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