एंवे ही...

एंवे ही...


  • ना जाने कितनी ही अनकही बातें साथ ले जाऊंगा, लोग झूठ कहते रहेंगे कि खाली हाथ गया है !
  • दर्द सहने की कुछ यु आदत सी हो गई है....की अब दर्द न मिले तो दर्द सा होता है !!!!!!
  • मैं अपनी दोस्ती को शेहर में रुसवा नहीं करता...मुहब्बत मैं भी करता हूँ मगर चर्चा नहीं करता...
  • "मैं आज़ाद घूमता हूँ इधर उधर, रिश्तें अब मोबाइल में कैद हैं..!!!
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  • कहने को ही मैं अकेला हूं..पर हम चार है..एक मैं..मेरी परछाई..मेरी तन्हाई.. और तेरा एहसास..
  • काश वो सुबह नींद से जागे तो मुझ से लड़ने आए...के तुम कौन होते हो मेरे ख्वाबों में आने वाले...
  • घुस जाऊ...लिहाफ़ उठा कर जिस्म का ओर झन्झोड डालूं इस मुई रूह को.....खोया हुआ जमीर बड़ी मुश्किल से मिलता है !
  • आज जी चाहता है की "A.K-47" की हर गोली पैर I MISS U लिख कर एक एक करके आपके दिल में ठोक दू, ताकी आपको भी पता चले की याद में कितना दर्द होता है...
  • छुपकर बैठा हु तेरी आँख में आँसू बनकर, याद कर दिल से उसी वक़्त चला आऊंगा... 
  • जब भी पलटता हु किताबों के पन्ने .. सोचता हु के यु पलट जाती जिन्दगी तो क्या बात थी ..!
  • तुझ  से  लडू  या  तेरी  यादों  से ,  दोनों  से  ही  रंजिश  है  मेरी ,  पर  लड़  ना  सका  कभी  तेरी  यादों  से , और.. अब  तुझसे  लड़ना  भी  मुमकिन  नहीं .........

    • ये शहर है की नुमाइश लगी हुई है कोई...
      जो आदमी भी मिला बनके इश्तिहार मिला... 
      - निदा फाज़ली
    • एक वक़्त था जब हँस कर उठते थे हम और, आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है.