ऑंखें हैं 'बंज़र' और दिल की वादियों में 'बहार' है
मैं कहीं भी रहूँ तेरी याद से मन में 'निखार' है
इतनी फुर्सत कहाँ की एक नज़र ज़माने को देखूं
मेरी नज़र पे सिर्फ छाया तेरा 'खुमार' है
बेताब सी है धड्कनें और बेचैन सी हैं साँसे
...हर तमन्ना जैसे तुझसे मिलने को 'बेक़रार' है
न कह पाता हूँ और न ही रह पाता हूँ
न जाने कैसी खुद से खुद की तकरार है
यह 'पागलपन' है या कुछ और यह मैं नहीं जानता
बस जानता हूँ तो इतना की मुझे तुमसे 'प्यार' है ....!!!
BHAI HUM TO SAMJHTE THE KI LIFE MAIN HUM HI SABSE AKELE HAIN....
ReplyDeleteBUT AAJ MEHSOOS HUA KI WAKAI IS JAHAN MAIN MAIN HI AKELA NAHIN HOON............
GUD BHAI GUD...........
"""JINDAGI TO BEWAFA HAI EK DIN THUKRAYEGI,
MAUT MEHBOOBA HAI APNE SAATH LEKE JAAYEGI."""
आहटें उसकी पहले लौट गई थी मेरे दर से
ReplyDeleteअब वह फिर महक का सामां लिए आया है ......