बेतरतीब सी कई सौ ख्वाहिशे है ...वाजिब -गैरवाजिब कई सौ सवाल है....कई सौ सुबहे ... कई सौ शामे ... एक आध कन्फेशन भी है ...कुछ यादें भी है .. कुछ किस्से भी ... कुछ अपने हैं कुछ पराये से भी ...सबको सकेर कर यहां जमा कर रहा हूं..ताकि गुजरे वक़्त में खुद को शनाख्त करने में सहूलियत रहे ...