17 June, 2012

अच्छा लगता है ...


मुझे  अब  नींद  की  तलाश  नहीं ,
अब  रातों  को  जागना  अच्छा  लगता  है ...
मुझे  नहीं  मालुम  की  तुम  मेरी  किस्मत  में  हो  या  नहीं ,
पर  खुदा  से  तुम्हे  माँगना  अच्छा  लगता  है ...
जाने  मुझे  हक  है  या  नहीं ,
... पर  तुम्हारी  परवाह  करना  अच्छा   लगता  है ...
तुमसे  प्यार  करना  सही  है  या  नहीं ,
पर  इस  एहसास  को  जीना  अच्छा  लगता  है ...
कभी  हम  साथ  होंगे  या  नहीं ,
पर  ये  ख्वाब  देखना  अच्छा  लगता  है ...
तुम  मेरे  हो  या  नहीं ,
पर  तुम्हे  ही  अपना  कहना  अच्छा  लगता  है ...
दिल  को  बहलाया  पर  मानता  ही  नहीं ,
शायद  इसे  भी  तुम्हारे  लिए  ही  धड़कना  अच्छा  लगता  है ...

No comments:

Post a Comment