04 April, 2012

दिल में क्या छुपा है

दिल  के  दिल  में  क्या  छुपा  है ?
ये  तो  बस  दिल  को  पता  है ..
धडकनों  पे  किसका  पहरा , 
कौन  कब  क्यूँ  दिल  में  ठहरा ? 
क्या  अजब  इस  दिल  की  अदा  है ,
सरफिरा  है , दिल  तो  कुछ  सरफिरा  है ..

ख्वाहिशों  से  आँख  मिचोली  खेलता  है  दिल  हमेशा ,
कशमकश  की  बंदिशें  भी  झेलता  है  दिल  हमेशा.. 
चेहरे  पे  इश्तिहार  लगा  कर  घूमता  है 
हसरतों  की  नुमाइश  करके  झूमता  है 
सरफिरा  है , दिल  तो  कुछ  सरफिरा  है ..

ये  समझ  ना  पाया  कोई, 
करता  है  दिल  क्यों  नादानी.. 
दिल  के  लाखों  हिस्से  हैं  और 
दिल  की  लाखों  हैं  कहानी ..
ये  दिल  जो  अटका  तो,  अटक  ही  जाता  है 
तड़पता  है,  फिर  भी  खामोश  रहता  है 
सरफिरा  है , दिल  तो  कुछ सरफिरा  है ..

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